दोस्तों अक्सर हम लोग देखते और सुनते हैं कि जन्म के पश्चात् या जन्मी हुई लड़की किसी कूड़े के डब्बे मे, कचरे या फिर सड़क के किसी कोने मे मृत पड़ी है, फेकी हुई है, तो हमलोग इंसानियत के नाते उस बच्ची का अंतिम संस्कार करवा देते हैं और उसके बाद कुछ दिनों तक इसका चर्चा पूरे समाज मे करते हैं फिर अपने काम मे रोज़ की तरह व्यस्त हो जाते हैं |
कभी ये नही सोचते और करते है की उसे रोका कैसे जाए | भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों इस विषय का चर्चा हमेशा करते है , लेकिन यह विषय तब तक चलेगा जब तक हमलोग स्वम् इस विषय का भाग नही बनेगा |
दोस्तों इस विषय को ख़त्म करने के लिए “ माँ सेवा संस्थान “ के महत्वपूर्ण कदम बढाया है यह कभी नही रुके इसके लिए आप सभी से निवेदन है की माँ सेवा संस्थान का साथ दे किसी मासूम की जिंदगी बचाने के लिए |
पूजे कई देवता मैंने तब तुमको था पाया
क्यों कहते हो बेटी को धन है पराया |
यह तो है माँ की ममता की छाया
जो नारी के मन आत्मा व् शारीर में है समाया ||
मैं पूछती हु उन हत्यारे लोगों से
क्यों तुम्हारे मन में यह जहर है समाया |
बेटी तो है माँ की साया
क्यों अब तक कोई समझ न पाया ||